नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन धन शोधन मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगा। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि ईडी जल्द बैंक के कुछ अधिकारियों से पूछताछ कर सकता है। इसके अलावा बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर से फिर पूछताछ हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने कई बार की पूछताछ के बाद चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के बयान दर्ज किए थे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी चंदा कोचर के बयान के बाद अब बैंक के कुछ और अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाना चाहती है ताकि इस मामले में सही तस्वीर सामने आ सके। चंदा कोचर जल्द एजेंसी के समक्ष पेश होंगी। उन्होंने हाल में स्वास्थ्य कारणों तथा कुछ निजी प्रतिबद्धताओं की वजह से एजेंसी से और समय मांगा था।
समझा जाता है कि चंदा कोचर को गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश होना था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहीं। एजेंसी कोचर दंपति की संपत्तियों के ब्योरे का विश्लेषण कर रही है ताकि धन शोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी तौर पर उनकी कुर्की की जा सके।
दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर से भी ईडी कई बार पूछताछ कर चुका है। राजीव कोचर सिंगापुर की एविस्टा एडवाइजरी के संस्थापक हैं। सीबीआई भी राजीव कोचर से ऋण के पुनर्गठन में कंपनी की भूमिका को लेकर पूछताछ कर चुकी है।
सीबीआई के अधिकारियों ने राजीव कोचर से यह भी पूछा था कि वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से ऋण दिलाने में उन्होंने क्या मदद की थी। 20 बैंकों के गठजोड़ ने वेणुगोपाल धूत की अगुवाई वाले समूह को 400 अरब रुपए का कर्ज दिया था। आईसीआईसीआई बैंक भी इसी गठजोड़ का हिस्सा था।
कोचर दंपति से पूर्व में भी ईडी के मुंबई में जोनल कार्यालय में पूछताछ हुई थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में एक मार्च को छापेमारी की थी। यह छापेमारी चंदा कोचर,उनके परिवार और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के महाराष्ट्र के मुंबई और औरंगाबाद परिसरों में की गई थी।
ईडी ने इससे पहले इसी साल पीएमएलए के तहत चंदा कोचर,दीपक कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा कॉरपोरेट समूह को 1,875 करोड़ रुपए का कर्ज देने में अनियमितता और भ्रष्ट व्यवहार को लेकर आपराधिक मामला दायर किया था।
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