नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की एक अदालत से शराब कारोबारी विजय माल्या को विदेशी विनिमय नियमों के उल्लंघन के जारी समन को कथित रूप से पूरा नहीं करने के मामले में अदालत द्वारा उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट को वापस लेने की अपील की है। इस मामले में अंतिम बहस की सुनवाई कर रहे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्टे्रट (सीएमएम) सुमित दास को प्रवर्तन निदेशालय के वकील एन के मट्टा ने बताया कि वह इस बारे में एक उचित अपील एक सप्ताह में दायर करेंगे। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 20 मई तय की है।
सुनवाई के दौरान मट्टा ने अदालत से आग्रह किया कि वह अपने दिसंबर, 2000 के उस आदेश को वापस ले ले जिसमें माल्या को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई थी। ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक माल्या के खिलाफ मुंबई की पीएमएलए अदालत ने हाल में बिना तारीख वाला वारंट जारी किया और इसी आधार पर ईडी ने उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट के आदेश को वापस लेने की अपील अदालत से की है।
मंगलवार को अटार्नी जनरल ने कहा, माल्या भारत के कानून के आगे भगोड़े हैं। उन्होंने कहा कि माल्या लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं और उटपटांग कहानियां गढ़ रहे हैं। रोहतगी के अनुसार माल्या जानबूझकर न्यायालय से कुछ छुपा रहे हैं क्योंकि उनकी वापस आने की कोई मंशा नहीं रही है। वहीं माल्या व उनकी कंपनियों की ओर से हाजिर हुए वरिष्ठ वकील सी एस वैद्यनााथ तथा पराग त्रिपाठी ने न्यायालय को सूचित किया कि माल्या डिफॉल्टर हैं न न कि विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाला) हैं।
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