A
Hindi News पैसा बिज़नेस PNB की तरह इस सरकारी बैंक में भी हुई धोखाधड़ी, रिश्‍वत के रूप में किया गया विमान यात्रा, होटल बिल का भुगतान

PNB की तरह इस सरकारी बैंक में भी हुई धोखाधड़ी, रिश्‍वत के रूप में किया गया विमान यात्रा, होटल बिल का भुगतान

बायर क्रेडिट अल्पकालीन कर्ज सुविधा है] जो विदेशी वित्तीय संस्थान द्वारा आयातक को दिया जाता है] ताकि वह खरीदे गए सामान का भुगतान कर सके।

ED says accused who defrauded IOB paid managers flight, hotel bills- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO ED says accused who defrauded IOB paid managers flight, hotel bills

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) में 299 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की जांच में पाया कि आरोपी ने रिश्वत के रूप में बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक और उसके परिवार की हवाई यात्रा और होटल में ठहरने का खर्च का भुगतान किया। आईओबी में धोखाधड़ी ठीक उसी प्रकार से हुई जिस तरीके से पंजाब नेशनल बैंक में 2 अरब डॉलर की गड़बडी हुई थी।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि आईओबी की चंडीगढ़ स्थित शाखा में कम-से-कम तीन अन्य प्रबंधकों अनिल कुमार, पीसी राणा और एन चोकलिंगम के साथ-साथ ऑडिटर (कनकरेंट ऑडिटर) की तरफ से भी गड़बड़ी का पता चला है। ईडी का मामला आपराधिक मनी लांड्रिंग जांच से जुड़ा है। एजेंसी आईओबी, चंडीगढ़ में 299.14 करोड़ रुपये की बायर क्रेडिट धोखाधड़ी की जांच कर रही है।

बायर क्रेडिट अल्पकालीन कर्ज सुविधा है] जो विदेशी वित्तीय संस्थान द्वारा आयातक को दिया जाता है] ताकि वह खरीदे गए सामान का भुगतान कर सके। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को संज्ञान में लेते हुए मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत आईओबी के सहायक प्रबंधक आशु मेहरा, हाइट्स इंटरनेशनल कंपनी के मालिक अमनप्रीत सिंह सोढी, विजन प्रोकोन कंपनी के मालिक दिनेश कुमार और साईंभक्ति इमपेक्स प्राइवेट लि. के निदेशक गौरव कृपाल और अमन कृपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

जांच एजेंसी ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। उन पर गारंटी पत्रों (एलओयू-लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के जरिये बैंक को 299.14 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। बैंक को 24 गारंटी पत्रों के लिए 11.36 करोड़ रुपये का कमीशन भी नहीं मिला। यह मामला ठीक वैसा ही है, जैसा कि कि पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई में ब्रैडी हाउस शाखा में गारंटी पत्रों की धोखाधड़ी कर लगभग 2 अरब डॉलर की गड़बडी की गई थी।

यह मामला 2018 में सामने आया था। ईडी के अनुसार जांच में पाया गया कि आरोपी अमनप्रीत सिंह सोढी, दिनेश कुमार और गौरव कृपाल ने आईओबी के सहायक प्रबंधक आशु मेहरा के साथ साठगांठ कर भारतीय आयात कंपनियों की तरफ से फर्जी खरीदारों के बैंक खातों में अवैध तरीके से धन की हेराफेरी की। जांच एजेंसी ने अबतक मामले में जुड़े आरोपियों की 91 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। हाल में 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। 

Latest Business News