नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन तथा चार अन्य के खिलाफ विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी कलानिधि, मेसर्स साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के षणमुगम, दो कंपनियों मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड (एसडीटीपीएल) तथा एसएएफएल के नाम मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोपी के रूप में शामिल किया है।
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि एयरसेल-मैक्सिस सौदे में एफआईपीबी की मंजूरी से संबंधित जांच तथा संबद्ध मामले पीएमएलए के तहत आगे जांच का विषय है। यह मंजूरी उस समय दी गई, जब पी चिदंबरम 2006 में वित्त मंत्री थे। आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद जारी प्रेस नोट में ईडी ने कहा कि इस मामले में मौजूदा जांच की पहलुओं में एयरसेल टेलीवेंचर्स लिमिटेड तथा मैक्सिस से देश और देश के बाहर धन की प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से संदिग्ध भारतीय कंपनियों को प्राप्ति और स्थानांतरण शामिल हैं। इस संदर्भ में इस अदालत ने देश के बाहर जांच के लिए पीएमएलए की धारा 57 के तहत एक दिसंबर 2015 को सिंगापुर तथा ब्रिटेन को अनुरोध पत्र भी जारी किए हैं।
जांच एजेंसी ने यह आरोप लगाया है कि मॉरीशस स्थित कंपनियों ने दयानिधि के लिए दो कंपनियों एसडीटीपीएल तथा एसएएफएल को 742.58 करोड़ रुपए की अवैध राशि उपलब्ध कराई। ईडी ने आरोप लगाया कि दोनों कंपनियों के मालिक और नियंत्रक कलानिधि थे और कंपनियों ने अपने कारोबार में उस राशि का उपयोग किया। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की है। ईडी ने कहा कि उसने दयानिधि मारन, सन ग्रुप के प्रमुख कलानिधि मारन तथा कावेरी की अनुमानत: 742.05 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां कुर्क की थीं। आरोपियों की भूमिका का ब्योरा देते हुए जांच एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला कि एसडीटीपीएल के प्रवर्तक कलानिधि तथा कावेरी हैं, जिनके पास कंपनी के 80 फीसदी शेयर हैं।
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