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ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के ताजा मामले में संजय भंडारी पर मुकदमा दर्ज किया

दक्षिण कोरियाई की कंपनी से 2009 में रकम लेने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है।

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : FILE ED books arms dealers sanjay bhandari in fresh money laundering case

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़ा घोषित रक्षा सलाहकार संजय भंडारी के खिलाफ दक्षिण कोरियाई की सैमसंग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (एसईसीएल) से 2009 में कथित रूप से 49.9 लाख अमेरिकी डॉलर लेने के मामले में धन शोधन का मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। आरोप है कि भंडारी की फर्म को एसईसीएल ने यह राशि ओएनसीजी सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ तेल कंपनियों द्वारा प्रवर्तित ओपीएएल की गुजरात स्थित इकाई में 6,744 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने के लिए दी थी। उन्होंने कहा कि ओपीएएल ने बदले में परियोजना का ठेका एसईसीएल के नेतृत्व वाले एक समूह और जर्मनी की लिंडे के साझा समूह को दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन सौदों की जांच के लिए धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल की है, जो पुलिस एफआईआर के समकक्ष है। उन्होंने बताया कि इस महीने की शुरुआत में इस मामले में सीबीआई ने भंडारी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह दूसरा मुकदमा है। इससे पहले फरवरी 2017 में प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ कथित रूप से विदेश में बेनामी संपत्ति रखने के लिए मुकदमा दर्ज कर चुकी है। इस मामले में ईडी ने जून में आरोप पत्र दाखिल किया था। ताजा मामले में सीबीआई का आरोप है कि भंडारी ने सेंटेक सेंटेच इंटरनेशनल के निदेशक के रूप में एसईसीएल के साथ एक आपराधिक षड्यंत्र रचा, उससे परामर्श शुल्क के रूप में 49.99 लाख अमेरिकी डॉलर लिए, जो कोरियाई कंपनी और ओपल के बीच हुए अनुबंध का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि कथित परामर्श शुल्क सेंटेक इंटरनेशनल के विदेशी खातों में प्राप्त किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि गुजरात के दाहेज पेट्रोकेमिकल परिसर में स्थापित होने वाले ओपल के दोहरे ईंधन क्रैकर का ठेका एसईसीएल के पक्ष में देने के लिए परामर्श शुल्क का इस्तेमाल अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया।

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