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Hindi News पैसा बिज़नेस 3695 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में ED ने रोटोमैक की 177 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की, PMLA के तहत की कार्रवाई

3695 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में ED ने रोटोमैक की 177 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की, PMLA के तहत की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कहा कि उसने धनशोधन मामले में विक्रम कोठारी के स्वामित्व वाले कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल की 177 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है, जिसमें एक बैंक से कथित रूप से 3,695 रुपए की धोखाधड़ी की गई थी।

Enforcement Directorate- India TV Paisa Enforcement Directorate

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कहा कि उसने धनशोधन मामले में विक्रम कोठारी के स्वामित्व वाले कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल की 177 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है, जिसमें एक बैंक से कथित रूप से 3,695 रुपए की धोखाधड़ी की गई थी। वित्तीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी और उसके निदेशक की जब्त संपत्तियां उत्तर प्रदेश के कानपुर, गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर, उत्तराखंड के देहरादून और महाराष्ट्र के मुंबई में हैं।

ईडी ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत की है। जांच से पता चला था कि अभियुक्तों ने बिना किसी वास्तविक लेनदेन के अपने व्यापार को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया और कर्ज का भुगतान नहीं किया तथा कर्ज में ली गई रकम को इधर से उधर भेज कर छुपा दिया।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांच से पता चला है कि रोटोमैक ग्लोबल प्रा. लि. का व्यापार सीमित संख्या में खरीदारों और विक्रेता के साथ था। कंपनी बैंक से लिए गए लेटर ऑफ क्रेडिट (LOC) से भुगतान करती थी और उस पर समूह से जुड़ी घरेलू और विदेशी कंपनियों में 1.5 से दो फीसदी कमीशन जमा करती है। इस रकम का उपयोग कंपनी अन्य व्यापारिक गतिविधियों में करती है, जैसे लौह अयस्क की खरीदारी या रियल एस्टेट में निवेश करने में।

बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा कोठारी, उसकी पत्नी साधना, उसके बेटे राहुल और कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद फरवरी में ईडी और सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। कोठारी रोटोमैक समूह का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जबकि उसकी पत्नी और बेटे निदेशक हैं।

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, कोठारी ने बैंक ऑफ इंडिया (754.77 करोड़ रुपए), बैंक ऑफ बड़ौदा (456.63 करोड़ रुपए), इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़ रुपए), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (458.9 5 करोड़ रुपए), इलाहाबाद बैंक (330.68 करोड़ रुपए), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़ रुपए), और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (97.47 करोड़ रुपए) सहित विभिन्न बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे।

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