नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े 5,000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में कंपनी की 4,700 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क कर ली है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने प्रवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 की धाराओं के तहत स्टर्लिंग बायोटेक की मुंबई और अहमदाबाद स्थित संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद की है।
सीबीआई ने तथाकथित बैंक फ्रॉड मामले में स्टर्लिंग बायोटेक, इसके डायरेक्टर चेतन जयंतीलाल सनदेसारा, दीप्ती चेतन सनदेसारा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल सनदेसारा और विलास जोशी, चार्टर्ड एकाउंटेंट हेमंत हाथी, अनूप प्रकाश गर्ग और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
स्टर्लिंग बायोटेक ने आंध्रा बैंक के नेतृत्व वाले बैंक कंसोर्टियम से 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का लोन लिया था, जो बाद में एनपीए हो गया। सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2016 तक स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप पर कुल बकाया राशि 5,383 करोड़ रुपए थी।
ईडी ने कहा है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि 2011 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जब्त की गई एक डायरी से यह पता चला है कि 2008 से 2009 के दौरान सनदेसारा भाईयों द्वारा 1.52 करोड़ रुपए का नकद भुगतान आंध्रा बैंक के डायरेक्टर गर्ग को किया गया। इस साल 13 जनवरी को ईडी ने गर्ग को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने इसी मामले में नवंबर 2017 में दिल्ली के कारोबारी गगन धवन को भी गिरफ्तार किया था।
Latest Business News