नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चंदा कोचर तथा अन्य के खिलाफ धन के हेर-फेर मामले में जारी जांच में 78 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधी अधिनियम के तहत जिन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थाई आदेश जारी किया गया, उनमें कोचर का मुंबई स्थित आवास तथा उनसे जुड़ी एक कंपनी की संपत्तियां शामिल हैं।
कुर्क की गई संपत्तियों का सम्मिलित मूल्य 78 करोड़ रुपए है। ईडी आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण मामले में हुई कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर तथा अन्य के खिलाफ जांच कर रही है।
दुनिया की 100 पावरफुल महिलाओं में रह चुकी हैं शामिल
2017 में फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में चंदा कोचलर को 32वें स्थान पर रखा गया था।
भ्रष्टाचार का है आरोप
चंदा कोचर पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप है। मामला दिसंबर 2008 का है। वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपल धूत ने बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी, जिसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ रुपए की स्वीट डील हुई थी। कंपनी को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिलाने में चंदा ने मदद की लेकिन इस लोन का 86 प्रतिशत यानी 2810 करोड़ रुपया 2017 में बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया।
पद्मविभूषण से हैं सम्मानित
चंदा कोचर का जन्म 17 नवंबर 1961 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। 1982 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की। 1984 में मास्टर डिग्री लेने के बाद चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। चंदा कोचर को बैंकिंग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण सम्मान भी प्रदान किया गया है।
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