नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मैसर्स डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड की 263 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है।
निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत अनंतिम आदेश जारी किया गया है। इसके तहत कुल 263.10 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया गया है। इनमें चल व अचल संपत्ति, शेयर, बैंक जमा, विदेशी मुद्रा प्राप्ती और लग्जरी कार शामिल हैं।
यह मामला कंपनी द्वारा बैंक लोन धोखाधड़ी करने से छह सरकारी बैंकों कैनरा बैंक, आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक और आईडीबीआई बैंक को हुए 1161.93 करोड़ के नुकसान से जुड़ा है। सबसे पहले सीबीआई की प्राथमिकी पर ईडी ने कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
डेक्कन क्रोनिकल ने अपने वित्तीय परिणामों में हेरफेर कर और पूर्व में लिए गए लोन का खुलासा किए बगैर बैंकों से कार्यशील पूंजी, पूंजीगत वस्तुओं की खरीद और छोटी अवधि के लिए लोन लिए। कंपनी ने 2004 से 2012 के दौरान 16 अलग-अलग बैंकों से 10,000 करोड़ रुपए मूल्य के 111 लोन लिए।
इन लोन की राशि का उपयोग निर्दिष्ट प्रयोजनों के इतर 20 ग्रुप कंपनियों और इकाइयों में निवेश करने, अधिक कीमत पर कंपनियों के अधिग्रहण करने, कार्गो एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए एयरबस को भुगतान करने और डेक्कन चार्जर्स के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजी लेने के लिए बीसीसीआई को भुगतान किया गया।
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