नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में मनी लौंड्रिंग रोधी कानून के तहत राजस्थान की एक कंपनी की 20 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां कुर्क की है। ईडी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। एजेंसी ने कहा कि यह मामला एमजी केबल्स एंड कम्युनिकेशंस तथा इसके निदेशकों श्रीपाल चौधरी, अनुराधा चौधरी, अभिनव चौधरी एवं अन्य से जुड़ा है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि एमजी केबल्स ने श्रीपाल चौधरी की मुखौटा कंपनियों रिलायंस इंटरनेशनल, न्यू जेनरेशन आईएनसी और कंडोई मेटल पावडर मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिये फर्जीवाड़ा करते हुए बड़ी कीमतों पर खरीद एवं बिक्री दिखायी, जबकि ऐसी कोई खरीद-बिक्री हुई ही नहीं। इस तरह एमजी केबल्स ने देना बैंक समेत अन्य कर्जदाताओं के साथ धोखाधड़ी की।
ईडी ने कहा कि कुर्क की गयी संपत्तियों में दो आवासीय भवन, एक कारखाना, पांच कार्यालय, दो भूखंड, कृषि भूमि तथा जयपुर स्थित जीआईटी कॉलेज का छात्रावास शामिल है। इनका सम्मिलित मूल्य 18.93 करोड़ रुपए है। इसके अलावा बैंक जमा, संयंत्र एवं मशीनें तथा तीन कारों समेत 1.42 करोड़ रुपए की चल संपत्तियां भी कुर्क की गयीं। ईडी ने राजस्थान पुलिस द्वारा पिछले साल मई में दायर प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए इस मामले को अपने हाथों में लिया।
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