नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में चल रही मनी लॉंड्रिंग जांच के सिलसिले में एक कंपनी की 169 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। केन्द्रीय एजेंसी ने मंगलवार को यह कहा। यह मामला टॉपवर्थ ऊर्जा एण्ड मेटल्स लिमिटेड (पूर्व में श्री वीरांगना स्टील्स लिमिटेड) से जुड़ा है। कंपनी को पूर्वी महाराष्ट्र क्षेत्र में मार्की मांगली- दो, तीन और चार कोयला ब्लाकों का आवंटन किया गया था। ईडी ने एक वक्तव्य में कहा है कि कंपनी को यह कोयला ब्लॉक आवंटन ‘‘धोखाधड़ी और गलत जानकारी के जरिये’’ हुआ है। एजेंसी का दावा है कि, ‘‘मार्की मांगली- दो और मार्की मांगली- तीन कोयला ब्लॉकों का अवैध आवंटन होने से कंपनी को 169.64 करोड़ रुपये तक का फायदा पहुंचा है।’’ ईडी ने कहा, ‘‘वर्ष 2011-12 से लेकर 2014- 15 के दौरान अवैध रूप से कोयला खान से 9.21 लाख टन कोयला निकाला गया और इससे कंपनी को 52.50 करोड़ रुपये की अवैध प्राप्ति हुई।
इस दौरान कंपनी को निजी कोयला संयंत्र से अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होने से 20.40 करोड़ रुपये तक का फायदा भी हुआ। इस बिजली को संबंधित ग्रिड को बेचा गया।’’ कोयला ब्लॉक के लिये आवेदन और आवंटन के बाद कंपनी ने इक्विटी और तरजीही शेयरों का ऊंचे प्रीमियम पर जारी कर शेयर पूंजी भी जुटाई है इससे उसे 96.72 करोड़ रुपये तक का लाभ पहुंचा है। ईडी द्वारा कुर्क की गई कंपनी की संपत्ति में नागपुर की कृषि और गैर- कृषि भूमि और कुछ कारखानों की मशीनरी शामिल है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थाई आदेश जारी कर की गई है। ईडी और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोयल ब्लॉक आवंटन मामले में भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच रह रहे हैं।
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