नई दिल्ली: पहली तिमाही में रिकॉर्ड गिरावट के बाद अब अर्थव्यवस्था का बुरा दौर पीछे छूट गया है, और तेज रिकवरी के संकेत दिखने लगे हैं। ये अनुमान दिया गया है वित्त मंत्रालय द्वारा जारी ताजा मासिक रिपोर्ट में। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधों में ढील के बाद से अब अर्थव्यवस्था को लेकर संकेत बेहतर होने लगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों में गतिविधियां पिछले साल के स्तर के करीब पहुंचने लगी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स, कोर सेक्टर इंडस्ट्री, ई-वे बिल्स, खरीफ की बुवाई, ऊर्जा की खपत, रेलवे से मालढुलाई, यात्री वाहनों की बिक्री से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्री वाहनों की बिक्री मार्च के बाद जुलाई के महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची। वहीं वाहनों की बिक्री सुधार के साथ पिछले साल के स्तर के करीब पहुंच गई है। छोटी कारों, दोपहिया वाहनों और एसयूवी की बिक्री बेहतर होने से संकेत मिले हैं कि ग्रामीण इलाकों में मांग में शुरुआती रिकवरी दर्ज हो रही है। वहीं माना जा सकता है कि शहरी मांग के संकेत भी सकारात्मक हैं। इसके साथ ही मार्च से अगस्त के दौरान फर्टिलाइजर और ट्रैक्टर की बिक्री में सुधार से भी इस बात को बल मिलता है कि ग्रामीण मांग में रिकवरी दिख रही है।
अगस्त महीने के दौरान लॉकडाउन के बाद पहली बार पीएमआई इंडेक्स में बढ़त दर्ज हुई है। इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर उम्मीदें बन गई हैं। इसके साथ साथ स्टील की खपत और उत्पादन, सीमेंट का उत्पादन, जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन हाईवे पर टोल कलेक्शन रिटेल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, कैपिटल इन्फ्लो और एक्सपोर्ट में तेज रिकवरी भी देखने को मिल रही है। दूसरी तरफ रिपोर्ट में कुछ सेक्टर पर खास ध्यान देने की भी बात की गई है। इसमें खाद्यान्न की सप्लाई चेन, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्ट अप और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर शामिल है।
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