नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा है,
इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि वित्त वर्ष 2018 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत रहेगी, हालांकि 2016-17 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान को 7.9 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत किया गया है, जो कि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के 7.1 प्रतिशत के अग्रिम अनुमान से भी कम है।
- एजेंसी का कहना है कि खपत मांग व सरकारी खर्च के चलते तीन उत्पादन क्षेत्रों-कृषि, उद्योग व सेवाओं- का सकल मूल्य वर्धन 2017-18 में क्रमश: तीन प्रतिशत, 6.1 प्रतिशत व 9.1 प्रतिशत बढ़ेगा।
- इसके अनुसार, 2017-18 में निजी अंतिम खपत व्यय 8.9 प्रतिशत जबकि, सरकारी अंतिम खपत व्यय में 9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
- इसके अनुसार चालू खाते का घाटा 2017-18 में जीडीपी का एक प्रतिशत रहेगा, जो कि 2016-17 में 0.9 प्रतिशत अनुमानित है।
- इससे वित्त वर्ष 2017-18 में रुपए की विनिमय दर औसतन 69.18 रुपए प्रति डॉलर रहेगी।
- ब्रेक्जिट व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के वैश्वीकरण विरोधी रुख के मद्देनजर भारत के लिए निर्यात मोर्चे पर दिक्कतें बनी रहेंगी।
- सरकार द्वारा बजट से ठीक पहले पेश वर्ष 2016-17 की आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 6.65 और अगले वित्त वर्ष में 6.75 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया है।
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