नई दिल्ली| अगले वित्त वर्ष के आम बजट से देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी और कोरोना की मार से पूरी तरह उबरने में कामयाबी मिलेगी। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग की एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में पूरी रिकवरी देखने को मिलेगी ही साथ ही विकास दर में बढ़त भी दर्ज होगी। रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक तेजी के संकेत देश के आर्थिक विकास और महंगाई दर के आउटलुक से मिल रहा है। जनवरी 2021 की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, व्यापक समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत लाए गए संरचनात्मक सुधार और नीतिगत बदलाव के साथ-साथ केंद्रीय बजट 2021-22 में उठाए गए अनेक कदमों से देश का फंडामेंटल्स यानी बुनियादी कारकों में मजबूती आएगी और अर्थव्यवस्था वापस मजबूत व टिकाऊ विकास के पथ पर अग्रसर होगी।
रिपोर्ट में कहा गया गया है कि 2021-22 में आर्थिक विकास और महंगाई दर आउटलुक दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था में पूरी रिकवरी से अधिक विकास होगा। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2021 में ऊर्जा खपत अंतर्राज्यीय व राज्य के भीतर आवागमन यानी परिवहन व्यवस्था, विनिर्माण क्षमता के उपयोग, व्यापार की संभावनाओं और उपभोक्ता के विश्वास जैसे प्रमुख सूचकांकों से अर्थव्यवस्था में रिकवरी जारी रहने के संकेत मिलेंगे। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जनवरी में अब तक के सर्वाधिक स्तर पर रहा है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) से भी अर्थव्यवस्था में विकास का संकेत मिला है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और एफपीआई का प्रवाह भी बढ़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर 6.8 फीसदी रह सकती है। भारत वापस दुनिया में तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप शुमार हो गया है।
Latest Business News