नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के झटके से निकलकर अब पुन: खड़ी हो रही है और यह बात रोजमर्रा के काम के सामान (एफएमसीजी) जैसे क्षेत्रों के प्रदर्शन से दिखाई दे रहा है। कृषि, खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि एफएमसीजी की बिक्री कोविड से पहले के स्तर के लगभग 85 प्रतिशत पर वापस आ गई है, जो एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
उन्होंने फिक्की के एक वेबिनार में कहा कि भारतीय कृषि उत्पादन, जो लगभग 264 अरब डॉलर का है, सुधार का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल रबी की फसल के दौरान लगभग 12 प्रतिशत अधिक खरीद हुई है, जो लगभग 590 लाख टन है। इसने किसानों के हाथों में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि पहुंचाई है तथा खरीफ की खरीद ने सारे रिकॉर्ड भी तोड़ दिए हैं।
पांडे ने कहा कि गन्ना उद्योग ने किसानों के हाथों में अतिरिक्त 85,000 करोड़ रुपए पहुंचाए हैं। इसलिए केवल इन तीन फसलों ने ग्रामीण भारत में तीन लाख करोड़ रुपए की आमदनी पहुंचाई हैं। उन्होंने कहा कि ये संकेतक व्यवसायियों को ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वाणिज्यिक उपभोग में गिरावट के कारण खाद्य और पेय उद्योग को कुछ समय के लिए कुछ झटका झेलना पड़ा है, लेकिन यह फिर से सुधार की ओर अग्रसर है और हमें उम्मीद है कि भोजन और पेय पदार्थ उद्योग फिर से कमान संभालेंगे।
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