नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय सोमवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी करेगा। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से कठोर लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है। वहीं ब्लूमबर्ग के सर्वे में 19.2 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ही कोवडि-19 को एक दैवीय घटना बताते हुए कहा था कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई देगा और चालू वित्त वर्ष में इसमें बड़ा संकुचन आएगा।
आरबीआई ने भी अपनी तमाम रिपोर्टों में यह स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में संकुचन आएगा और आर्थिक गतिविधियों में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है।
केंद्र सरकार ने कोविड-19 को काबू में रखने के लिए 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था। उसके बाद मई में इस लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई, जिससे उसके बाद लगातार विभिन्न चरणों में हटाया गया है। लेकिन कुछ राज्यों में कोविड-19 का प्रसार बढ़ने की वजह से फिर से लॉकडाउन लगाया गया है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2010-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत तक गिरावट का अनुमान व्यक्त किया है। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों और वैश्विक वित्त विश्लेषक कंपनियों ने 2020-21 में देश की अर्थव्यवथा में पांच प्रतिशत से अधिक संकुचन का अनुमान जताया है। मैकेंजी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अगले दशक में आठ से साढ़े आठ प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि करने की जरूरत है, ताकि अवसर पैदा किए जा सकें।
Latest Business News