नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के उबरने के साथ भारत में 2021 के दौरान उपभोक्ता भावनाओं में सुधार हो रहा है और सोने की मांग सकारात्मक दिखाई दे रही है। रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में धनतेरस के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि आभूषणों की मांग औसत से कम थी, लेकिन इसमें पिछले साल की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून 2020) के निचले स्तर के मुकाबले काफी सुधार हुआ। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि कुछ समय के लिए अपनी पूर्ण क्षमता के मुकाबले सुस्त बनी रहेगी, लेकिन पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में स्थिरता के चलते उपभोक्ताओं के लिए खरीद के अवसर बढ़ेंगे।
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन जैसे देशों में आर्थिक सुधार की संभावना है, जिसे 2020 की शुरुआत में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पी आर ने कहा, ‘‘वर्ष 2020 अभूतपूर्व रूप से अनिश्चितता भरा था। जाहिर तौर पर निवेशकों के लिए सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली संपत्तियों में एक था और उच्च जोखिम, कम ब्याज दरों और कीमतों में तेजी से इसे बल मिला।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि सर्वकालिक उच्च स्तर और प्रमुख वैश्विक बाजारों में लॉकडाउन के चलते उपभोक्ता मांग अपने निम्नतम स्तर पर चली गई। सोमसुंदरम ने आगे कहा कि 2021 में आर्थिक सुधार के साथ ही भारत में सोने की कीमत और मांग दोनों के लिए अनुकूल माहौल होगा।
देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 40 प्रतिशत घटकर 12.3 अरब डॉलर रहा। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मांग कम होने से आयात घटा है। स्वर्ण आयात का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में इस मूल्यवान धातु का आयात 20.6 अरब डॉलर का था। हालांकि नवंबर महीने में सालाना आधार पर आयात 2.65 प्रतिशत बढ़कर 3 अरब डॉलर रहा। चांदी का आयात भी चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 65.7 प्रतिशत घटकर 75.2 करोड़ डॉलर रहा। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है।
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