नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण 'लॉकडाउन' के चलते अगले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर तेजी से घटकर 2.6 प्रतिशत पर आ सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार 2019-20 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर भी 5 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत रह सकती है। इसका कारण चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, 'लॉकडाउन को देखते हुए हमारा अनुमान है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर 2020-21 में 2.6 प्रतिशत पर आ सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की आशंका है, इससे कुल मिलाकर वृद्धि दर नीचे जाती दिख रही है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने को लेकर बीते बुधवार (25 मार्च) से 21 दिन (14 अप्रैल तक) के लिये देशभर में गतिविधियों और आवागमन पर रोक लगाई है। इस दौरान लोगों को घरों में रहने को कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भी जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत से नीचे 4.5 प्रतिशत तक जा सकती है। इसका कारण चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2020) में आर्थिक वृद्धि दर का 2.5 प्रतिशत तक नीचे आने की आशंका है। इकोरैप में कहा गया है कि इस बंद के कारण बाजार मूल्य आधार पर कम-से-कम 8.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा जबकि आय के मामले मे 1.77 लाख करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। वहीं पूंजी आय में 1.65 लाख का नुकसान हो सकता है। आय नुकसान सबसे ज्यादा कृषि, परिवहन, होटल, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में होगा। हालांकि प्रोत्साहन उपायों से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आ सकती है।
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