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Hindi News पैसा बिज़नेस रेस्‍टॉरेंट्स में भोजन करना हो सकता है जल्‍द सस्‍ता, जीएसटी रेट में संशोधन पर मंत्री समूह करेगा विचार

रेस्‍टॉरेंट्स में भोजन करना हो सकता है जल्‍द सस्‍ता, जीएसटी रेट में संशोधन पर मंत्री समूह करेगा विचार

मंत्री समूह एसी रेस्‍टॉरेंट्स पर मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी रेट की समीक्षा करेगा। रेस्‍टॉरेंट्स में अभी जीएसटी की दो रेट हैं 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत।

रेस्‍टॉरेंट्स में भोजन करना हो सकता है जल्‍द सस्‍ता, जीएसटी रेट में संशोधन पर मंत्री समूह करेगा विचार- India TV Paisa रेस्‍टॉरेंट्स में भोजन करना हो सकता है जल्‍द सस्‍ता, जीएसटी रेट में संशोधन पर मंत्री समूह करेगा विचार

नई दिल्‍ली।  वित्‍त मंत्रियों का एक समूह एसी रेस्‍टॉरेंट्स पर मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी रेट की समीक्षा करेगा। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात शुक्रवार को कही। रेस्‍टॉरेंट्स में अभी जीएसटी के दो रेट हैं 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। यह रेट इस बात पर निर्भर करता है कि क्‍या एक रेस्‍टॉरेंट एसी है या वहां शराब परोसी जाती है।

ऐसा माना जा रहा है कि अगले महीने 9-10 नवंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में रेस्‍टॉरेंट पर लगने वाले जीएसटी रेट में कटौती की घोषणा हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि रेस्‍टॉरेंट पर वर्तमान टैक्‍स रेट को 12 और 18 प्रतिशत से घटाकर क्रमश: 5 और 12 प्रतिशत किया जा सकता है। एक अन्‍य सूत्र ने बताया कि रेस्‍टॉरेंट पर एक ही टैक्‍स रेट 12 प्रतिशत भी फि‍क्‍स किया जा सकता है।

कोई रेस्‍टॉरेंट यदि आंशिक या पूर्ण एयर-कंडीशन्‍ड है या वहां शराब परोसी जाती है तो वहां 18 प्रतिशत जीएसटी देय है। बिना एयर कंडीशनर और  बिना शराब लाइसेंस वाले रेस्‍टॉरेंट पर 12 प्रतिशत जीएसटी देय है। 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी रेट में सीजीएसटी (केंद्र जीएसटी) और एसजीएसटी (राज्‍य जीएसटी) दोनों शामिल हैं। 12 प्रतिशत जीएसटी टैक्‍स रेट में 6 प्रतिशत केंद्र जीएसटी और 6 प्रतिशत राज्‍य जीएसटी का हिस्‍सा है। इसी प्रकार 18 प्रतिशत जीएसटी रेट में 9 प्रतिशत केंद्र जीएसटी और 9 प्रतिशत राज्‍य जीएसटी में जाता है।

वर्तमान जीएसटी ढांचे में जीएसटी रेट के चार वर्ग 5,12,18 और 28 प्रतिशत हैं। कुछ लग्‍जरी उत्‍पादों और नुकसान पहुंचाने वाली वस्‍तुओं जैसे तंबाकू और पान मसाला पर अतिरिक्‍त जीएसटी कम्‍पनसेशन सेस लगाया जाता है। जनता को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकांश रोजमर्रा की चीजों को निल या जीरो प्रतिशत जीएसटी रेट में रखा गया है।

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