नई दिल्ली। चालू साल के अगले छह महीने तक क्रूड ऑयल की औसत कीमत 45 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहेगी। SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है। SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी का न केवल मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, बल्कि यह GDP की ग्रोथ रेट के नजरिए से भी अच्छी रहेगी।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के संकेतकों से पता चलता है कि क्रूड के दाम घटने से वैश्विक ग्रोथ में रफ्तार आती है। इसमें कहा गया है कि 2003-2006 के दौरान ब्रेंट कूड के दाम औसत 47 डॉलर प्रति बैरल रहे। इस दौरान औसत वैश्विक वृद्धि पांच प्रतिशत रही। वहीं भारत की औसत वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही।
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SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि 2017 की अगली छमाही में कच्चे तेल के औसत दाम 45 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहेंगे, ऐसे में अन्य सकारात्मक संकेतकों मसलन मॉनसून के लिए अनुमान, चालू खाते के घाटे का निचला स्तर, निचली मुद्रास्फीति से जुड़ी मौद्रिक नीति और राजकोषीय अनुशासन से 2017 और 2018 में बेहतर वृद्धि आंकड़े हासिल किए जा सकते हैं।
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