नई दिल्ली। सरकार ने शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-वे बिल को देशभर में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2018 की तारीख को अधिसूचित कर दिया है। एक अप्रैल से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों को राज्यों के बीच लाने-ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा। इसके अलावा सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीईसी) ने जून तक GSTR-3B रिटर्न को फाइल करने की अनिवार्यता को भी अधिसूचित किया है।
GSTR-3B को पिछले महीने के लिए चालू माह की 20 तारीख तक भरना होता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 10 मार्च को हुई बैठक में एक अप्रैल से ई-वे बिल लागू करने और 3बी फाइलिंग को आगे बढ़ाने का फैसला किया था।
पहले ई-वे बिल को एक फरवरी से लागू किया जाना था, लेकिन सिस्टम के विफल होने पर इसे टाल दिया गया था। इंटर-स्टेट ई-वे बिल को एक अप्रैल से लागू किया जाएगा, वहकीं इंट्रा-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए 15 अप्रैल से ई-वे बिल को लागू किया जाएगा।
ई-वे बिल, जिसे पूछे जाने पर जीएसटी इंसपेक्टर को दिखाना होगा, को कर चोरी रोकने के उपाय के तौर पर देखा जा रहा है। इससे कर संग्रहण बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। एक अप्रैल से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य का सामान ले जाने वाले ट्रांसपोर्टर्स को ई-वे बिल जनरेट करना अनिवार्य होगा।
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