मुंबई। भारत में ई-कॉमर्स बाजार का आकार 2021 तक 50 से 55 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है, जो मौजूदा समय में 6 से 8 अरब डॉलर का है। संगठित खुदरा कारोबारियों के संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ मिलकर किए एक अध्ययन में यह संभावना जताई है।
इसके अनुसार डिजिटल अवसरों का आकलन करने पर पता चलता है कि ई-कॉमर्स की सबसे ज्यादा पहुंच उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक, परिधान, घरेलू सामान एवं फर्नीचर, लग्जरी प्रोडक्ट्स, स्वास्थ्य, रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद और खाद्य सामग्री के क्षेत्र में हो सकेगी।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में सबसे ज्यादा ई-कॉमर्स क्षेत्र की पहुंच होगी।
- अभी यह 13-15 प्रतिशत है, जिसके 2025 तक 38-42 प्रतिशत होने की संभावना है।
- वहीं खाद्य सामग्री से जुड़ा ई-कॉमर्स कारोबार अभी एक प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले एक से तीन प्रतिशत की वृद्धि करेगा।
- रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन साल में अकेले डिजिटल खरीदारी 2013 की तीन प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 23 प्रतिशत हो गई।
- वहीं इसी अवधि में ग्राहकों पर डिजिटल प्रभाव नौ प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया।
- इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन खरीदारी बढ़ने की अहम वजह खरीदने में सुविधा और ढेर सारी छूट मिलना है।
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