नई दिल्ली। ऑनलाइन ग्राहकों के संरक्षण के लिए सरकार ने ई-कामर्स कंपनियों से उत्पादों पर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) और अन्य ब्योरा जैसे मियाद समाप्त होने की अवधि और कस्टमर केयर का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में विधि मापतौल (पैकेटबंद जिंस) नियमों-2011 में संशोधन किया है। कंपनियों को इस नए नियम के अनुपालन के लिए छह महीने का समय दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह ऑफलाइन ग्राहकों को संरक्षण देने की व्यवस्था है उसी तरह ऑनलाइन ग्राहकों को भी यह संरक्षण मिलना चाहिए। अभी तक ऑनलाइन बेचे जाने वाले सामान पर MRP प्रकाशित होता है। हमने कंपनियों से लेबल पर अतिरिक्त ब्योरा देने को कहा है।
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उन्होंने कहा कि MRP के अलावा कंपनियों को विनिर्माण की तारीख, मियाद समाप्त होने की अवधि, शुद्ध भार, किस देश से अमुक उत्पाद आया है और कस्टमर केयर की जानकारी देनी होगी। अधिकारी ने कहा कि कंपनियों को नए नियम के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है।
जनवरी, 2018 से यह अनिवार्य होगा कि जो सामान ई-कामर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बेचा जा रहा है, उस पर ये सभी घोषणाएं होंगी अन्यथा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं कंपनियों को यह ब्योरा बड़े फॉन्ट में छापना होगा जिससे उपभोक्ताओं को उन्हें पढ़ने में परेशानी नहीं हो।
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