पुणे/मुंबई। ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को राहत देते हुए भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को आदेश दिया कि वह पीएनबी और अन्य को ब्याज सहित 7200 करोड़ रुपये लौटाएं। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पीएनबी ने नीरव मोदी से 7000 करोड़ रुपये बकाया वसूली के लिए जुलाई 2018 में अर्जी दाखिल की थी, जिस पर डीआरटी ने अब अंतिम फैसला सुनाया है। कुछ बैंकों के समूह ने भी इसी तरह की बकाया वसूली संबंधी याचिका दाखिल की थी। इन बैंकों ने 200 करोड़ रुपये का ऋण दिया था।
डीआरटी के आदेश के बाद पीएनबी के वसूली अधिकारी अगर जरूरत हुई तो मोदी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, हालांकि मोदी की अधिकतर संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की जा चुकी है। इस मामले की सुनवाई पुणे में हुई, जहां ऋण वसूली अधिकरण के पीठासीन अधिकारी दीपक ठक्कर ने आदेश पारित किया। ठक्कर के पास मुंबई का भी अतिरिक्त प्रभार है।
नीरव मोदी को इससे पहले सिंगापुर हाईकोर्ट ने झटका देते हुए ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में रजिस्टर्ड पवेलियन प्वॉइंट कॉर्प कंपनी के खाते को फ्रीज करने का आदेश दिया था। आपको बता दें इस खाते में नीरव मोदी के करीब 44.41 करोड़ रुपये जमा हैं। स्विट्जरलैंड में 27 जून को नीरव मोदी और उसकी बहन के चार स्विस खातों से ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई थी। भारत में नीरव मोदी के खिलाफ चल रहे आपराधिक धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले के तहत यह कार्रवाई हुई थी।
Latest Business News