नयी दिल्ली। कच्चे तेल में लगातार आ रही नरमी ने आपके पेट्रोल डीजल के बिल में जरूर कमी कर दी है। लेकिन इससे खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतियों और देश में रह रहे उन पर आश्रितों की मुश्किलें बढ़ा दी है। उद्योगों से जुड़ी संस्था एसोचैम के अनुसार इस साल खाड़ी देश की अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावित होने के मद्देनजर भारत को आने वाले मनीआर्डर (रेमिटंस यानी विदेशों से भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले धन) पर भारी असर होगा।
सबसे ज्यादा प्रभावित होगा केरल
ऐसोचैम के एक विश्लेषण में कहा गया है कि इसका असर केरल में सबसे अधिक देखा जाएगा। जहां लगभग हर दूसरा परिवार मनीआर्डर पर निर्भर है जो ज्यादातर खाड़ी देशों से आता है। इसके अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी प्रभावित हो सकते हैं जहां से भारी संख्या में श्रमबल विदेश काम करने जाता है। गौरतलब है कि 110 देशों में फैले करीब दो करोड़ प्रवासी भारतीयों में से करीब 60-70 लाख खाड़ी राज्यों में हैं जिनमें से करीब 20 लाख केरल से हैं।
11 साल के न्यूनतम स्तर पर है क्रूड
उद्योग मंडल ने कहा, कच्चे तेल में नरमी से बड़े तेल उत्पादकों में कीमत युद्ध शुरू हो गया है और कीमत 11 साल के न्यूनतम स्तर से नीचे आ गई है। खाड़ी क्षेत्र की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय स्थिति पर भारी दबाव है। एसोचैम ने कहा, इसके अलावा उर्जा क्षेत्र में ताजा निवेश रक गया है और निर्माण, पर्यटन, रीयल एस्टेट, बैंकिंग एवं वित्त जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर नकारात्मक असर हुआ है।
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