नई दिल्ली। सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में सुधार लाएगी। इसके लिए 30 पायलट प्रोजेक्ट शुरु कर दिए गए है और कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा। एक बार ड्राइवर टेस्ट क्लियर होने के बाद महज तीन दिनों के अंदर लाइसेंस इश्यू कर दिया जाएगा। देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या से चिंतित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ की शुरुआत करने के बाद कहा, सरकार सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा में सुधार के लिए अगले पांच साल में 11,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करेगी।
देश में फर्जी लाइसेंस बनवाना बहुत आसान
नितिन गडकरी ने कहा, ड्राइविंग लाइसेंस को अब आधार कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। लाइसेंस बनाने की सारी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी व्यक्ति का फर्जी लाइसेंस न बने। उन्होंने बताया कि लोगों के पास तीन-तीन ड्राइविंग लाइसेंस हैं। देश में फर्जी लाइसेंस बनाना बहुत आसान हो गया है, लेकिन अब इसे गंभीरता से लिया जा रहा है और सुनिश्चित किया जा रहा है कि फर्जी लाइसेंस नहीं बनें।
मदद करने वालों को नहीं किया जाएगा परेशान
गडकरी ने कहा है कि सड़क दुर्घटनाओं के पीडितों की जान बचा रहे नेक लोगों को अब पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा परेशान किये जाने की बात से डरने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में एक या दो दिन में अधिसूचना जारी की जाएगी। मंत्रालय की ओर से अधिसूचना में ऐसे नेक लोगों के संबंध में दिशानिर्देश इस लिहाज से महत्वपूर्ण हैं कि भारत में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें करीब डेढ़ लोग लोग मारे जाते हैं। अधिसूचना के अनुसार किसी सड़क दुर्घटना में घायलों को पास के अस्पताल ले जाने वाले किसी राहगीर, चश्मदीद समेत किसी नेक आदमी को न केवल तत्काल जाने दिया जाना चाहिए, बल्कि ऐसे लोगों को अधिकारी उचित पुरस्कार या मुआवजा देंगे ताकि लोग इस तरह के काम के लिए आगे आएं।
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