नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1 दिसंबर से यदि कोई वाहन फास्टैग के बिना टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरता है तो उस वाहन चालक को दोगुना टोल का भुगतान करना होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुद यह बात कही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह (एनईटीसी) के तहत एक दिसंबर से टोल भुगतान गेट से केवल फास्टैग के जरिये ही भुगतान होगा। जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा होगा उन्हें फास्टैग वाहनों के लिए बनी लेन से निकलने पर दोगुनी राशि चुकानी होगी। हालांकि, टोल प्लाजा पर एक लेन ऐसी भी होगी, जहां बिना-टैग वाले वाहनों से सामान्य तरीके से ही टोल ही वसूला जाएगा।
गडकरी ने कहा कि देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 537 टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग के वाहनों के फास्टैग वाली लेन से गुजरने पर एक दिसंबर से दोगुना शुल्क देना होगा। फास्टैग सुविधा के तहत वाहनों पर एक इलेक्ट्रॉनिक तरह से पढ़ा जाने वाला टैग लगा दिया जाता है। इसके बाद वाहन जब किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां लगी मशीन उस टैग के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शुल्क वसूल कर लेती है। इससे वाहनों को टोल गेट पर रुक कर नगद भुगतान नहीं करना होता।
गडकरी ने कहा कि फास्टैग को लोकप्रिय बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एक दिसंबर तक इसे नि:शुल्क वितरित कर रही है। हालांकि फास्टैग को वाहन चालक को अपनी जरूरत के मुताबिक चार्ज कराना होगा ताकि टोल प्लाजा से निकलते समय उससे टोल राशि का भुगतान पूरा किया जा सके। एक दिसंबर के बाद एनएचएआई फास्टैग के लिए राशि लेगा।
गडकरी ने कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना आय बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की उम्मीद है। अगले दो साल में एनएचएआई का टोल राजस्व 30 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि एनएचएआई के समक्ष किसी तरह की वित्तीय समस्या नहीं है और राजमार्गों के तीसरे आवंटन में बुधवार को 5,011 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। क्यूबे हाईवे इसमें विजेता बनकर उभरी है। राजमार्ग निर्माण के लिए यह आवंटन टोल, ऑपरेट, ट्रांसफर (टीओटी) आधार पर हुआ है।
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