नई दिल्ली। टेलीकॉम डिपार्टमेंट सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने हेतु अगले दो महीनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने की योजना बना रहा है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि कैबिनेट नोट का ड्राफ्ट अक्टूबर मध्य तक तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इसे अंतर मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए जारी किया जाएगा। इसके बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट संशोधित नोट के साथ मंत्रिमंडल के पास जाएगा।
बीएसएनएल ने सरकार को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उसने शेयर के बदले 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम मांगा है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार बीएसएनएल ने सरकार से स्पेक्ट्रम खरीदने हेतु 6,652 करोड़ रुपए का शेयर पूंजी निवेश मांगा है। बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए अनुमानित 13,885 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने इससे पहले कहा था कि कंपनी राजस्थान को छोड़कर अन्य सभी सर्किलों के लिए 2100 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम चाहती है। राजस्थान के लिए कंपनी 800 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम चाहती है।
वहीं दूसरी ओर एमटीएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने सरकार से कंपनी को 6500 से 7000 करोड़ रुपए की इक्विटी के बदले 4जी स्पेक्ट्रम देने का आग्रह किया है। इसके अलावा कंपनी ने अपने मोबाइल लाइसेंस को 2021 तक विस्तार देने की भी मांग की है, जो 2019 में समाप्त हो रहा है।
सितंबर मध्य में मनोज सिन्हा ने कहा था कि बगैर 4जी स्पेक्ट्रम के बीएसएनएल और एमटीएनएल का जीवित रहना मुश्किल है और सरकार इस मुद्दे को हल करने पर काम कर रही है, क्योंकि कुछ मुद्दे सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। दिल्ली और मुंबई को छोड़कर बीएसएनएल का पूरे देश में परिचालन है, जबकि एमटीएनएल केवल दिल्ली और मुंबई सर्किल में ही अपनी सेवाए देती है।
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