नई दिल्ली। टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि ग्राहकों की कॉल ड्रॉप जैसी शिकायतों का निवारण एक महीने की समय-सीमा के भीतर करना सुनिश्चित किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च में एक बैठक में सभी मंत्रालयों और क्षेत्रों में ग्राहकों की शिकायतों का तत्काल निवारण करने पर जोर देने के बाद टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने यह निर्देश जारी किया है।
डिपार्टमेंट ने सभी कंपनियों को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उस तक सेंट्रालाइज्ड पब्लिक ग्रीवेंस रेडरेस एंड मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये पहुंचने वाली शिकायतों का निराकरण होने में 60 दिन से अधिक समय लगता है, कुछ मामलों में यह अवधि 180 दिन से भी अधिक है। डिपार्टमेंट ने नोटिस में कहा है कि कई समीक्षा बैठकों में उच्च प्रबंधन ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है।
डिपार्टमेंट ने सभी कंपनियों से कहा है कि आपसे आग्रह किया जाता है कि ट्राई द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर या प्रधानमंत्री द्वारा चाहे गए एक माह की अवधि के भीतर शिकायतों का निराकरण करने की कोशिश की जाए। यदि किसी मामले को सुलझाने में एक महीने से अधिक का समय लगता है तो उसका उचित कारण भी बताएं।
उपभोक्ताओं की शिकायतों के शीघ्र निराकरण के लिए टेलीकॉम कमीशन ने एक लोकपाल की नियुक्ति करने का प्रस्ताव दिया है। डिपार्टमेंट को एक तिमाही में 1 करोड़ शिकायतें मिलती हैं। वर्तमान व्यवस्था के तहत टेलीकॉम कंपनियां आंतरिक रूप से शिकायतों से निपटती हैं इसके बाद यह डिपार्टमेंट के शिकायत निवारण सिस्टम में आती हैं। डिपार्टमेंट ने इस व्यवस्था को पूर्ण संतोषजनक नहीं माना है।
डिपार्टमेंट ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से टेक्नोलॉजी के उपयोग के जरिये अपनी प्रभावितकता और दक्षता में सुधार लाने का आह्वान किया है और कहा है कि हम सभी को जनता की शिकायतों को 30 दिनों के भीतर निराकरण करने के सभी यथासंभव प्रयास करने चाहिए।
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