नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से कहा कि वह अमेरिकियों की जगह विदेशियों को नौकरी पर रखे जाने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने डिज्नी वर्ल्ड और अन्य दूसरी अमेरिकी कंपनियों का हवाला दिया जहां भारतीय कामगारों समेत H1-B वीजा पर अमेरिका आए अन्य विदेशियों ने अमेरिकियों की नौकरियां छीन लीं।
नहीं छिनने दूंगा अमेरिकियों की नौकरी
- गुरुवार को आयवा में अपने हजारों समर्थकों के बीच ट्रंप ने कहा, ‘हम हरेक अमेरिकी की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए लड़ेंगे।
- उन्होंने आगे कहा, ‘कैंपेन के दौरान मैंने उन अमेरिकी कामगारों के साथ भी वक्त बिताया जिन्हें उन लोगों को प्रशिक्षण देना पड़ा था जिन्हें बाद में उन्हीं की जगह नौकरी पर रखा गया।
- उन्हें हटाने के लिए विदेशी कामगारों को लाया गया। हम अब ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे।
समर्थकों की ओर से उठे वाहवाही के स्वर के बीच ट्रंप ने कहा, भला आपको यह यकीन होगा आपको नौकरी से निकाल दिया गया और वह (कंपनी) आपको आपके पैसे तब तक नहीं देंगे जब तक कि आप उन लोगों को प्रशिक्षित नहीं कर दें जो आपकी जगह पर रखे जाएंगे। मैं समझता हूं कि इससे ज्यादा अपमानजनक कुछ भी नहीं हो सकता।
क्या है डिज्नी वर्ल्ड का मामला
- आपको बता दें कि डिज्नी वर्ल्ड और दो आउटसोर्सिंग कंपनियों पर इनके दो पूर्व तकनीकी कर्मचारियों ने संघीय कानून के तहत मुकदमा कर दिया है।
- शिकायत में कहा गया है कि इन कंपनियों ने अमेरिकी वर्करों को H1-B वीजाधारी सस्ते विदेशी मजदूरों जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं, से स्थानांतरित करने के लिए साजिश रची।
- दोनों कर्मचारियों लियो परेरो और डीना मोर डिज्नी के उन 250 तकनीकी कर्मचारियों में शामिल हैं जिन्हें 2015 में ऑरलैंडो के डिज्नी वर्ल्ड ने नौकरी से निकाल दिया था।
- दोनों ने दो आईटी कंपनियों एचसीएल इंक और कॉग्निजंट टेक्नॉलजीज को भी मुकदमे में घसीटा है।
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