विश्व बैंक के अध्यक्ष के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने डेविड माल्पास को किया नामांकित
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष के तौर पर वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी डेविड माल्पास को नामांकित किया है।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष के तौर पर वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी डेविड माल्पास को नामांकित किया है। यदि विश्व बैंक समूह के निदेशक उनके पक्ष में मतदान करते हैं तो वह विश्व बैंक के अध्यक्ष के तौर पर जिम योंग किम का स्थान लेंगे। इस पद पर आम तौर पर अमेरिका के नागरिक ही आसीन होते आए हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक का पद यूरोप के लिए है। विश्व बैंक में विभिन्न देशों के वोट को ध्यान में रखते हुए माल्पास के नाम की पुष्टि महज एक औपचारिकता है।
ट्रंप ने बुधवार को माल्पास के नामांकन की घोषणा करते हुए उन्हें ‘विशेष व्यक्ति’ और ऐसा व्यक्ति बताया जो इस पद के लिए एकदम योग्य है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के लिए वित्त अपर सचिव के तौर पर 62 वर्षीय माल्पास अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक का कामकाज देखते हैं। अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रख्यात अर्थशास्त्री माल्पास के पास अर्थशास्त्र, वित्त, सरकार और विदेश नीति में 40 साल का अनुभव है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस से अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में डिग्री पाने के बाद माल्पास ने राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में उप सहायक वित्त मंत्री और राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में उप सहायक विदेश मंत्री के पद पर काम किया।
ट्रंप ने कहा, ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल ने आज एक संपादकीय में कहा कि डेविड माल्पास बेहतरीन पसंद है। अमेरिका विश्व बैंक में सबसे अधिक योगदान देता है। वह उसे हर साल एक अरब डॉलर की धनराशि देता है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि माल्पास लंबे समय से विश्व बैंक में जवाबदेही के कड़े समर्थक रहे हैं। वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने कहा कि ट्रंप ने विश्व बैंक के अध्यक्ष के तौर पर माल्पास को नामांकित कर बेहतरीन व्यक्ति चुना है। चयन प्रक्रिया में ट्रंप की बेटी और वरिष्ठ राष्ट्रपति सलाहकार इवांका ट्रंप ने म्नुचिन की मदद की। इवांका ट्रंप ने कहा, ‘विश्व बैंक की चुनौतियों और अवसरों के बारे में डेविड की व्यापक जानकारी उन्हें इस महान संस्थान का योग्य प्रबंधक बनाता है।’
वित्त मंत्रालय में अपने दो साल के कार्यकाल में माल्पास ने बड़े विकास ऋणदाताओं को बेकार और अप्रभावी बताते हुए आलोचना की और सुधारों की अपील की। अब जब वह विश्व बैंक की विरासत संभालने वाले है तो वहां वह अपनी नीतियों की छाप छोड़ सकते हैं। उन्होंने साल 2017 में कांग्रेस के समक्ष गवाही में कहा था कि विश्व बैंक जैसे संस्थान बहुत पैसा खर्च करते हैं लेकिन वे बहुत प्रभावशाली नहीं हैं। उन्होंने कहा था, ‘वे अक्सर ऋण देने की प्रक्रिया में भ्रष्ट होते हैं और वे देशों के उन लोगों को लाभ नहीं देते जिन्हें वास्तव में उसकी जरुरत होती है।’