Good News: घरेलू हवाई सफर होगा सस्ता, बिना सामान यात्रा करने वालों को मिलेंगे सस्ते टिकट
रेलू हवाई सफर जल्द ही सस्ता हो सकता है। डीजीसीए ने घरेलू एयरलाइंस को ‘नो चेक-इन बैग/हैंड बैग ओनली’ किराये की अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली। घरेलू हवाई सफर जल्द ही सस्ता हो सकता है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने घरेलू एयरलाइंस को ‘नो चेक-इन बैग/हैंड बैग ओनली’ किराये की अनुमति दे दी है। इसके तहत यदि कोई यात्री केवल हैंड बैग लेकर यात्रा करता है तो एयरलाइंस उसे सामान्य से कम कीमत पर टिकट देंगी। हालांकि, डीजीसीए ने यह भी कहा है कि यदि कोई यात्री ‘नो चेक-इन बैग/हैंग बैग ओनली’ ऑफर के तहत टिकट बुक करवाता है और एयरपोर्ट पर चेक-इन बैगेज लेकर पहुंचता है, तो एयरलाइंस उस यात्री से जुर्माना वसूल सकती हैं। हालांकि इसके लिए कड़ी शर्त भी है। यात्री से वसूला जाने वाला जुर्माना कम किराये पर दिए गए इनसेंटिव से अधिक नहीं होना चाहिए।
वर्तमान में नेशनल कैरियर एयर इंडिया को छोड़कर सभी प्राइवेट घरेलू एयरलाइंस एक यात्री को बिना किसी खर्च के 15 किलोग्राम तक के वजन का सामान ले जाने की अनुमति देती हैं। वहीं एयर इंडिया अपने यात्रियों को बिना किसी खर्च के 23 किलोग्राम तक का सामान ले जाने की अनुमति देती है। डीजीसीए ने अपने अपडेटेड एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर में कहा है, घरेलू प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियां शर्त के साथ जीरो बैगेज वाले किराये की स्कीम को पेश करने की अनुमति दी जाती है और जुर्माना उसी यात्री पर लगाया जाएगा, जो इस तरह की स्कीमों के तहत टिकट बुक कराता है और एयरपोर्ट पर चेक-इन लगैज लेकर पहुंचता है। बजट एयरलाइन स्पाइसजेट के प्रशासन प्रमुख जीपी गुप्ता ने कहा कि डीजीसीए का यह कदम उद्योग में बदलते रुख के अनुरूप है। हम इस ग्राहक एवं पर्यावरण के अनुकूल पहल का स्वागत करते हैं।
इस साल जून में, स्पाइसजेट ने एक स्कीम लॉन्च की थी, जिसमें वन हैंडबैग या नो चेक-इन बैगेज वाले प्रत्येक यात्री को 200 रुपए का डिस्काउंट ऑफर किया गया था। हालांकि इस ऑफर में एक राइडर यह लगाया गया था कि यदि टिकट स्कीम के तहत बुक कराया गया है और यात्री ज्यारा सामान लेकर आता है तो 10 किलो तक 500 रुपए और 15 किलो पर 750 रुपए का भुगतान करना पड़ता था।
डीजीसीए ने अप्रैल 2015 में घरेलू एयरलाइंस को बहुत से सेवाओं के लिए यात्रियों से शुल्क लेने की अनुमति दी थी, जिसमें पसंदीदा सीट, चेक-इन बैगेज शुल्क और लाउंज के उपयोग पर शुल्क शामिल हैं। तीन घरेलू एयरलाइंस इंडिगो, स्पाइसजेट और एयरएशिया इंडिया ने इससे पहले डीजीसीए के समक्ष जीरो बैग किराये की अनुमति देने की मांग रखी थी, जिसमें नो चेक-इन लगेज पर डिस्काउंट देने की बात थी। लेकिन उस समय डीजीसीए ने इस मांग को खारिज कर दिया था।