नई दिल्ली| केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को संसद में बताया कि खाद्य तेलों के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों की तुलना में घरेलू बाजार में थोक व खुदरा कीमतों में कोई आनुपातिक वृद्धि नहीं हुई है। लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय खाद्य मंत्री ने कहा कि खाद्य तेल के दाम में वैश्विक स्तर पर वृद्धि हो रही है और घरेलू उत्पादन अपर्याप्त है जिसके चलते खाद्य तेल के घरेलू दाम में वृद्धि हुई है।
लोकसभा सदस्य लल्लू सिंह ने केंद्रीय मंत्री से जानना चाहा कि क्या सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद खाद्य तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 'जी हां' में जवाब देते हुए कहा कि खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन देश की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों की मांग और उत्पादन के बीच की कमी को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है।
वहीं, कीमतों को काबू करने की दिशा में सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयास को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसान, उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेल व अन्य वस्तुओं के मूल्य, उपलब्धता व उनकी शुल्क संरचना की कड़ी निगरानी के लिए खाद्य सचिव की अध्यक्षता में कृषि उत्पादों पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गई है।
इस समिति में वाणिज्य विभाग, कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, उपभोक्ता मामले विभाग और विदेश व्यापार निदेशालय के सचिव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि देश में तिलहनों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करके खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं व कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।
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