नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकारी के द्वारा खर्च में की गई बढ़ोतरी से रेटिंग में गिरावट नहीं होगी और देश निवेश स्तर की रेटिंग में बना रहेगा। खर्च बढ़ने से सरकारी खजाने पर दबाव काफी बढ़ गया है जिसका निवेश रेटिंग पर असर पड़ने की आशंका जताई गई थी। वित्त मंत्री ने इन आशंकाओं को लेकर राज्य सभा में ये बात कही है। निर्मला सीतारमण फाइनेंस बिल 2021 पर हुई बहस का जवाब दे रहीं थीं।
बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई दर पर नियंत्रण, ऊंची विकास दर, विदेशी निवेश का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना और सरकारी घाटे के कम रहने से संकेत हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बुरे हाल में छोड़ा था जिसे अब मोदी सरकार सही रास्ते पर ला रही है।
उन्होने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान औसत जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत रही है, जबकि यूपीए सरकार के दौरान 2009 से 2014 के बीच औसत जीडीपी ग्रोथ 6.7 प्रतिशत रही थी। वहीं महंगाई दर मोदी सरकार के दौरान 2014-2019 के बीच 4.8 प्रतिशत रही है जबकि यूपीए सरकार के दौरान 5 साल में महंगाई दर 10.3 प्रतिशत रही थी।
उनके मुताबिक महामारी से जिस तरह से दुनिया भर में निपटा गया उसकी वजह से मुद्रास्फीति बढ़ी है, सरकारों ने मांग बढ़ाने के लिए सिस्टम में नकदी का प्रवाह बढ़ा दा। उन्होने कहा कि हालांकि इसके बावजूद देश में मुद्रास्फीति की छह फीसदी की सीमा कभी पार नहीं होगी वित्त मंत्री के मुताबिक भारत दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और विदेशी निवेश यहां जारी रहेगा। वहीं उन्होने ये भी कहा कि घरेलू कारोबारियों खासतौर से एमएसएमई श्रेणी के उद्यमों की बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाया जायेगा।
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