नई दिल्ली। रीयल्टी कंपनी डीएलएफ ने जीआईसी के साथ अपने संयुक्त उपक्रम का बकाया कम करने के लिए नोएडा में स्थित अपने मॉल मॉल ऑफ इंडिया एक अनुषंगी कंपनी को 2,950 करोड़ रुपए में हस्तांतरित कर दिया है। कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी।
कंपनी को डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड को 8,700 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स जीआईसी और डीएलएफ का संयुक्त उपक्रम है। कंपनी इस साल सितंबर तक इसका भुगतान कर देना चाहती है।
कंपनी ने कहा कि उसने नोएडा स्थित मॉल ऑफ इंडिया को 2,950 करोड़ रुपए में अपनी अनुषंगी पालीवाल रीयल एस्टेट को हस्तांतरित कर दिया है। डीएलएफ ने कहा कि यह किराये की संपत्तियों के संचालन और संरचना को सुव्यवस्थित व समेकित करने के कंपनी के उद्देश्य के अनुरूप है।
मॉल ऑफ इंडिया नोएडा के सेक्टर 18 में स्थित है और इसके पास किराये पर देने के लिए 20 लाख वर्ग फुट एरिया है। इसे 2000 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक मॉल ऑफ इंडिया का अनुषंगी इकाई को स्थानांतरण करने से डीसीसीडीएल के लिए रिटेल संपत्ति की बिक्री करने का रास्ता खुलेगा ताकि वह अपने बकाये का भुगतान कर सके।
संयुक्त उपक्रम में डीएलएफ की 66.66 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी जीआईसी के पास है। डीसीसीडीएल के पास वर्तमान में 3 करोड़ वर्ग फुट किराये पर देने कमर्शियल संपत्ति है, जो सबसे ज्यादा गुरुग्राम में है। कंपनी को सालाना 2500 करोड़ रुपए की किराया आमदनी होती है।
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