नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक TRAI के निवर्तमान चेयरमैन आर एस शर्मा ने आज कहा कि किसी व्यक्ति की आधार संख्या की जानकारी सार्वजनिक होने मात्र से संबंधित व्यक्ति के लिए ‘डिजिटल खतरा ’ नहीं बढ़ता। गौरतलब है कि शर्मा ने ट्विटर पर अपनी आधार संख्या जारी करते हुए इंटरनेट पर सेंध लगाने वालों को खुद को नुकसान पहुंचाने की चुनौती दी थी।
हालांकि उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि कहा कि 12 अंकों वाली अपनी आधार संख्या सार्वजनिक करने के पीछे उनका मकसद दूसरों को भी ऐसा करने के लिये उकसाना कतई नहीं था। इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शर्मा ने कहा कि उनकी हमेशा से यह राय रही है कि बायोमेट्रिक पहचान संख्या के खुलासे, उसकी जानकारी देने या साझा करने से डिजिटल नुकसान का खतरा नहीं है।
नौ अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे TRAI चेयरमैन ने एक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत कर रहे थे। सम्मेलन में दूरसंचार नियामक TRAI ने घोषणा की कि उसके दो मोबाइल एप...अनचाही काल की जानकारी देने वाला ‘डू नाट डिस्टर्ब’ तथा काल गुणवत्ता को मापने वाला ‘माई काल एप’.... उमंग प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे।
एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने यह साफ किया है कि मेरे कदम का मकसद वास्तव में अन्य लोगों को आधार संख्या सार्वजनिक करने के लिये प्रोत्साहित करना नहीं है।’’ TRAI प्रमुख के कदम के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कहा था कि लाग अपनी 12 अंकों वाली आधार संख्या इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं करे या इस प्रकार की कोई चुनौती नहीं दें।
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