नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य नए सिरे से तय करते हुए इसे 13.35 लाख करोड़ रुपए रखा है, जिसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख ने कठिन लेकिन हासिल किया जा सकने वाला बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार छूट और कटौती समाप्त होने के बाद कंपनी कर की दरों में और कमी लाने के बारे में सोच सकती है।
सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि पिछले संशोधित अनुमान में 2019-20 के लिए हमारा लक्ष्य 13.78 लाख करोड़ रुपए तय किया गया था। यह अपेक्षाकृत अवास्तविक दिखता था क्योंकि यह सालाना आधार पर करीब 24 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शा रहा था। बजट पर विचार के दौरान हमने इस बारे में अपनी बातें रखी थी।
उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में खुशी है कि सरकार ने पिछले साल के वास्तविक संग्रह को देखते हुए उस आधार पर लक्ष्य तय किया। और प्रत्यक्ष कर के लिए बजट में तय संग्रह लक्ष्य को अब 13.35 लाख रुपए तय किया गया है। यह सालाना आधार पर करीब 17.5 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह लक्ष्य हमें काफी उम्मीद देता है कि हम दिए गए लक्ष्य के अनुसार 17.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में कामयाब होंगे। आयकर विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपए प्राप्त किया।
उन्होंने कहा कि निवेश और वृद्धि को गति देने के लिए बजट में जो कदम उठाया गया है, मुझे भरोसा है कि अर्थव्यवस्था अच्छा करेगी और परिणामस्वरूप राजस्व संग्रह भी अच्छा रहेगा। प्रत्यक्ष कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर, प्रतिभूति सौदा कर और कंपनी कर शामिल हैं।
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