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Hindi News पैसा बिज़नेस दिनेश कुमार खारा को मिली देश के सबसे बड़े बैंक SBI की कमान, Covid-19 संकट में खरा उतरने की होगी चुनौती

दिनेश कुमार खारा को मिली देश के सबसे बड़े बैंक SBI की कमान, Covid-19 संकट में खरा उतरने की होगी चुनौती

पिछले महीने बैंक ऑफ बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने खारा के नाम की सिफारिश एसबीआई के अगले चेयरमैन के रूप में की थी। परंपरा के अनुसार एसबीआई के चेयरमैन की नियुक्ति बैंक में सेवारत प्रबंध निदेशकों के समूह में से ही की जाती है।

Dinesh Kumar Khara appointed new SBI Chairman- India TV Paisa Image Source : PTI Dinesh Kumar Khara appointed new SBI Chairman

नई दिल्‍ली। सरकार ने मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के वरिष्ठतम प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार खारा को देश के सबसे बड़े बैंक का चैयरमैन नियुक्त करने को अपनी मंजूरी दे दी है। वह निर्वतमान चेयरमैन रजनीश कुमार का स्‍थान लेंगे। रजनीश कुमार ने मंगलवार को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक केंद्र सरकार ने दिनेश कुमार खारा को तीन साल के लिए एसबीआई का चेयरमैन नियुक्त किया है।

पिछले महीने बैंक ऑफ बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने खारा के नाम की सिफारिश एसबीआई के अगले चेयरमैन के रूप में की थी। परंपरा के अनुसार एसबीआई के चेयरमैन की नियुक्ति बैंक में सेवारत प्रबंध निदेशकों के समूह में से ही की जाती है। दिलचस्प बात यह है कि खारा 2017 में भी चेयरमैन पद के दावेदारों में शामिल थे। खारा को अगस्त 2016 में तीन साल के लिए एसबीआई के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें प्रदर्शन की समीक्षा के बाद 2019 में दो साल का सेवा विस्तार मिला था।

खारा दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पढ़े हैं और अब तक एसबीआई के वैश्विक बैंकिंग प्रभाग के प्रमुख थे। उनके पास बोर्ड स्तर का पद है और वे एसबीआई की गैर-बैंकिंग सहायक कंपनियों के कारोबार का निरीक्षण भी करते थे। खारा प्रबंध निदेशक नियुक्त किए जाने से पहले एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एसबीआईएमएफ) के एमडी और सीईओ थे। खारा 1984 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में एसबीआई में शामिल हुए थे और उन्होंने अप्रैल 2017 में एसबीआई के पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नए एसबीआई चेयरमैन के सामने एक चुनौतीपूर्ण कार्यकाल होगा, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण बैंकिंग क्षेत्र एक बड़े संकट से गुजर रहा है।

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