नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन ने जो रफ्तार पकड़ी थी, वह अब घटनी शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अर्थव्यवस्था में नई नकदी आने के साथ ही लोग एक बार फिर नकद लेनदेन को तरजीह दे रहे हैं।
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क्या कहते हैं RBI के आंकड़े?
- आंकड़ों के अनुसार पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद दिसंबर महीने में डिजिटल तरीकों-क्रेडिट-डेबिट कार्ड, UPI, USSD और मोबाइल बैंकिंग के जरिए 9,575 लाख डिजिटल लेनदेन किए गए।
- दिसंबर में मूल्य के हिसाब से डिजिटल लेनदेन 104.05 लाख करोड़ रुपए का रहा।
- जनवरी में यह आंकड़ा घटकर 8,704 लाख डिजिटल लेनदेन और फरवरी में 7,630 लाख लेनदेन पर आ गया।
- इसी के अनुरूप मूल्य के हिसाब से मासिक लेनदेन में भी कमी आई।
- जनवरी और फरवरी में पीओएस और दुकानदारों के प्रतिष्ठानों पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन में भी कमी आई।
- हालांकि, भुगतान के नए तरीके जिसमें इंटरनेट या स्मार्टफोन की जरूरत नहीं होती, USSD के जरिए लेनदेन दिसंबर की तुलना में जनवरी में बढ़ा, लेकिन फरवरी में यह नीचे आ गया।
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हालांकि, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए लेनदेन बढ़ रहा है। दिसंबर में UPI लेनदेन 20 लाख था, जो जनवरी में 42 लाख और फरवरी में 42 लाख रहा।
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