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Hindi News पैसा बिज़नेस अब किसान भी बेचेंगे अपनी फसल ऑनलाइन, 14 अप्रैल को लॉन्‍च होगा डिजिटल एग्री मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म

अब किसान भी बेचेंगे अपनी फसल ऑनलाइन, 14 अप्रैल को लॉन्‍च होगा डिजिटल एग्री मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म

अब किसान भी अपनी फसल देशभर में कहीं भी ऑनलाइन बेहतर मूल्‍य पर बेच सकेंगे। इसके लिए सरकार जल्‍द ही एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है।

अब किसान भी बेचेंगे अपनी फसल ऑनलाइन, 14 अप्रैल को लॉन्‍च होगा डिजिटल एग्री मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म- India TV Paisa अब किसान भी बेचेंगे अपनी फसल ऑनलाइन, 14 अप्रैल को लॉन्‍च होगा डिजिटल एग्री मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म

नई दिल्‍ली। अब किसान भी अपने फसल देशभर में कहीं भी बेहतर मूल्‍य पर बेच सकेंगे। इसके लिए सरकार जल्‍द ही एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मध्‍य प्रदेश के सीहोर में एक जनसभा में कहा कि आगामी 14 अप्रैल को डा. बीआर अंबेडकर की जयंती पर एक डिजिटल एग्री मार्केटिंग प्‍लेटफॉर्म की शुरुआत की जाएगी। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि वह 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने की हर संभव कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम कृषि क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी का एकीकरण करना चाहते हैं। प्रगतिशील खेती तथा परंपरागत तरीके का मिश्रण होना चाहिए। मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि किसानों को काफी मेहनत करने के बावजूद उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता है, क्योंकि उसे अपनी फसल आसपास की मंडियों में बेचनी पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने इस समस्या को डिजिटल प्‍लेटफॉर्म के जरिये दूर करने का फैसला किया है।  मोदी ने कहा, हम बीआर अंबेडकर की जयंती पर राष्ट्रीय कृषि बाजार, वर्चुअल और डिजिटल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ करेंगे। हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करेंगे। उन्‍होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिये किसान अपने मोबाइल फोन के जरिये अपनी उपज को देश में कहीं भी उस स्थान पर बेच सकेंगे, जहां उन्‍हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।

मोदी ने यहां एक रैली में हाल में पेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशानिर्देश पेश किए। उन्‍होंने कहा कि यह उनकी सरकार की कई पहल में से एक पहल है। इसके तहत सरकार का इरादा मौसम की अनिश्चितताओं की वजह से संकट में फंसे किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है।  प्रधानमंत्री ने फसल बीमा योजना के अलावा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, जैविक खेती के अलावा यूरिया की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करना, गन्ना किसानों की मदद के लिए एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के अलावा कृषि क्षेत्र में स्टार्ट अप पहल का जिक्र किया। उन्‍होंने कृषि के परंपरागत तरीकों के अलावा आधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरणों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया, जिससे कृषि क्षेत्र का उत्पादन बढ़ाया जा सके। इससे न केवल घरेलू जरूरत को पूरा किया जा सकेगा बल्कि विदेश की मांग को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।

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