नई दिल्ली। डिजिटल अर्थव्यवस्था की मुहिम को तेज करते हुए सरकार ने ‘डिजिधन अभियान‘ के जरिये एक करोड़ ग्रामीणों का डिजिटल तरीके से भुगतान के लिए पंजीकरण किया है।
एक आधिकारिक बयान में बुधवार को बताया गया कि 3 लाख से ज्यादा व्यापारियों ने ग्रामीण भारत में उपभोक्ताओं को कई जिलों और ब्लॉक में डिजिटल भुगतान सेवा देने की पेशकश की है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि,
डिजिधन अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक ग्रामीण नागरिकों ने पंजीकरण कराया है। यह पंजीकरण डिजिटल वित्तीय साक्षरता अभियान के शुरुआती 20 दिन के भीतर हुआ है। तीव्र गति से ग्रामीण नागरिकों का डिजिटल तरीके से भुगतान की प्रक्रिया का अपनाना देश के डिजिटल परिवर्तन में उनके सहयोग और उत्साह को दिखाता है। यह हमारे प्रधानमंत्री के ईमानदारी और पारदर्शिता के डिजिटल शासन को वास्तविकता में बदलने को प्रोत्साहित करता है।
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- नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेन-देन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- आठ नवंबर से 26 दिसंबर के बीच रूपे कार्ड के जरिये लेन-देन 445 प्रतिशत बढ़ा।
- वहीं प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिये भुगतान 95 प्रतिशत बढ़ा।
- डिजिटल भुगतान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) के जरिये किया जा रहा है।
- इसके तहत हमने 80 लाख नागरिकों तथा 25 लाख व्यापारियों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था।
- इस लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है और 20 दिनों के भीतर 1.05 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण दिया है।
- यह अभियान 476 जिलों और 2,782 ब्लॉक में फैला है।
- सर्वाधिक पंजीकरण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए।
- इन दोनों राज्यों में क्रमश: 15 लाख और 12.5 लाख से अधिक नागरिकों ने पंजीकरण कराया।
- वहीं दुकानदारों के मामले में छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश आगे रहा।
- दोनों राज्यों में 60,000-60,000 से अधिक दुकानदारों ने पंजीकरण कराया है।
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