नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीजल कार और 2,000 सीसी और इससे अधिक ईंजन क्षमता वाले एसयूवी पर प्रतिबंध से वाहन उद्योग में करीब 5,000 रोजगार प्रभावित हुईं है। वाहन उद्योग संगठन, सियाम ने यह भी कहा कि पिछले 16 दिसंबर से लागू प्रतिबंध के कारण उत्पादन में करीब 11,000 इकाइयों का नुकसान हुआ है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपे दस्तावेज में कहा, 16 दिसंबर 2015 से 30 अप्रैल 2015 के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इन वाहनों पर प्रतिबंध के कारण 11,000 वाहनों का उत्पादन नुकसान हुआ जिससे उद्योग में करीब 5,000 नौकरियां प्रभावित हुईं। कोर्ट पर प्रतिबंध के असर के संबंध में संगठन ने कहा कि यदि पूरे देश में यह प्रतिबंध लागू किया जाता है तो इससे इसी अवधि में एक लाख वाहनों के उत्पादन का नुकसान होता और इससे 47,000 नौकरियां प्रभावित होतीं।
सियाम ने कहा कि कोई भी डीलर वित्तीय तौर पर इतना सक्षम नहीं है कि वह 2,000 सीसी और इससे अधिक की डीजल कार और एसयूवी का इतना बड़ा भंडार अनिश्चितकाल तक रोक सके। संगठन ने कहा, प्रतिबंधित भंडार बेचने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर के कारोबारियों को हस्तांतरित कर दिया गया है। डीजल वाहनों पर पर्यावरण मुआवजा शुल्क लगाने के विरोध में वाहन उद्योग संगठन ने यह भी कहा कि इससे उद्योग के कर्मचारियों की स्थायी नौकरियां जा सकती हैं और यदि यह मानक देश के अन्य भागों में भी लागू कर दिया जाता है तो समस्या कई गुनी हो जाएगी।
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