धीरूभाई अंबानी को मिलेगा दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण, मिस्त्री, भार्गव, सांघवी भी होंगे सम्मानित
स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी तथा पल्लोनजी शापूरजी मिस्त्री सहित उद्योग जगत की कई हस्तियों को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान के लिए चुना गया है।
नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी तथा निर्माण क्षेत्र के उद्योगपति पल्लोनजी शापूरजी मिस्त्री सहित उद्योग जगत की कई हस्तियों को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान के लिए चुना गया है। धीरूभाई के नाम से प्रसिद्ध धीरजलाल हीराचंद अंबानी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। स्वर्गीय धीरूभाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में इस सम्मान के लिए चुना गया है। पांचवें सबसे अमीर भारतीय पल्लोनजी मिस्त्री, मारुति उद्योग के चेयरमैन आरसी भार्गव को तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण के लिए चुना गया है। इसके अलावा मास्टरकार्ड इनकॉरपोरेटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अजयपाल एस बंगा को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। फार्मा क्षेत्र के दिग्गज तथा सन फार्मास्यूटिकल्स के संस्थापक दिलीप सांघवी, सीए टेक्नोलॉजीज के भारतीय परिचालन के चेयरमैन सौरभ श्रीवास्तव को भी पद्म श्री सम्मान दिया जाएगा।
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गुजरात के दूरदराज गांव में एक स्कूल अध्यापक के पुत्र अंबानी मुंबई में अपनी पत्नी व बच्चों के साथ एक कमरे की चाल में रहते थे। उन्होंने आगे चलकर रिलायंस ग्रुप के रूप में कपड़े से लेकर तेल व दूरसंचार क्षेत्र तक साम्राज्य खड़ा किया। वह एडन से देश लौटे थे। वहां वह एक पेट्रोल पंप में सहायक के रूप में काम करते थे। उन्होंने एक तेल कंपनी में लिपिक के रूप में भी काम किया। उन्होंने 1958 में रिलायंस ट्रेडिंग कॉरपोरेशन का गठन किया, जो पॉलिस्टर का आयात व मसालों का निर्यात करती थी। बाद में इसका नाम रिलायंस टेक्सटाइल कॉरपोरेशन कर दिया गया। अंत में इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम दिया गया। धीरूभाई अंबानी का निधन 6 जुलाई, 2002 को 70 साल की उम्र में हुआ। उल्लेखनीय है कि 1976-77 में रिलायंस का सालाना कारोबार 70 करोड़ रुपए था, जिसे अपने निधन तक धीरूभाई ने 75,000 करोड़ रुपए का बड़ा समूह बना दिया।
वहीं 86 वर्षीय मिस्त्री एक ऐसे अरबपति हैं, जो सार्वजनिक तौर पर काफी कम दिखाई देते हैं। उनका निर्माण साम्राज्य भारत के अलावा पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला है। लेकिन उनकी पूंजी का सबसे बड़ा स्रोत टाटा संस में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। यह 109 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। मारुति सुजुकी इंडिया के निदेशक मंडल के चेयरमैन 81 वर्षीय रविंद्र चंद्र भार्गव पूर्व सरकारी अधिकारी हैं। वह ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्त सचिव तथा कैबिनेट सचिवालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं। वह 1981 में मारुति से जुड़े थे। मारुति की सफलता में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है।
55 वर्षीय बंगा, 1 जुलाई 2010 तथा 31 अगस्त, 2009 से क्रमश: मास्टरकार्ड इनकॉरपोरेटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष हैं। वह 13 साल सिटीबैंक के साथ काम करने के बाद 2009 में मास्टरकार्ड से जुड़े थे। दिलीप शांतिलाल सांघवी ने 1982 में सन फार्मा का गठन किया था। वह 29 मई, 2012 तक इसके प्रबंध निदेशक रहे। कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक सांघवी पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं। उन्होंने सन फार्मा को देश की सबसे अधिक मुनाफे वाली फार्मा कंपनी बनाया है। इसके अलावा सौरभ श्रीवास्तव सीए टेक्नोलॉजीज के भारतीय परिचालन के प्रमुख हैं, जो 4.5 अरब डॉलर की अमेरिकी सॉफ्टवेयर बहुराष्ट्रीय कंपनी है। वह प्रमुख आईटी उद्यमी, एंजल निवेशक और वेंचर कैपिटलिस्ट हैं। वह ब्रिटेन और भारत में कई निजी व सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में रह चुके हैं।