नई दिल्ली: ट्रांजैक्शन ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन ने डीएचएफएल के प्रशासक के साथ साझा की गई एक रिपोर्ट में कुछ ऐसे लेनदेन पाए हैं,जो प्रकृति में धोखाधड़ी वाले और तरजीह देने वाले हैं। इसमें 6,182 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के प्रशासक ने लेनदेन के संबंध में कंपनी के मामलों की जांच करने के लिए प्रतिष्ठित पेशेवर एजेंसी ग्रांट थॉर्नटन से सहायता प्राप्त की। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 43 से 51 और 65 एवं 66 के तहत लेनदेन को मंजूरी प्रदान की गई थी।
गौरतलब है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के प्रशासक को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत कर्तव्यों को पूरा करने के लिए नियुक्त किया गया है। तदनुसार, कंपनी के प्रशासक ने लेन-देन लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त पेशेवर एजेंसी से एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त की, जिसमें संकेत दिया गया है कि कुछ लेनदेन ऐसे हैं जो प्रकृति में अघोषित, धोखाधड़ी वाले और तरजीही हैं।
ट्रांजैक्शन ऑडिटर की जांच और समीक्षा के आधार पर प्रशासक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के समक्ष धारा 45, धारा 60 (5) और धारा 66 के तहत 20 फरवरी को एक आवेदन दायर किया है। आवेदन में प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, संबंधित लेन-देन का मौद्रिक प्रभाव लगभग 6,182.11 करोड़ रुपये है। इन कार्यवाही से संबंधित सभी प्रासंगिक विवरणों को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई के समक्ष दायर आवेदन में शामिल किया गया है और वर्तमान में विचाराधीन है।
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