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देश में उत्‍पादित कच्‍चे तेल पर उपकर घटाकर किया जाए आधा, प्रधान ने की कंपनियों की वकालत

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर उपकर को मौजूदा 20 फीसदी से घटाकर 10-12 फीसदी किया जाए

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नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर उपकर को मौजूदा 20 फीसदी से घटाकर 10-12 फीसदी किया जाए, ताकि कीमतों में कमी के कारण परेशान तेल उत्पादकों को राहत मिले।

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी तथा निजी क्षेत्र की कंपनी केयर्न इंडिया सहित तेल उत्पादकों ने उपकर में कटौती का आग्रह किया था। इसके मद्देनजर पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है कि उपकर को घटाकर 10-12 फीसदी किया जाए या उपकर दर के बारे में एक श्रेणीबद्ध प्रणाली पर विचार किया जाए।

प्रधान ने कहा, यह बाजार की गति के अनुसार होना चाहिए। मैं वित्त मंत्रालय से सिफारिश कर रहा हूं कि उत्खनन व उत्पादन क्षेत्र की अपेक्षाओं पर विचार किया जाए। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के आम बजट में घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर 4,500 रुपए प्रति टन उपकर के तय उपकर के स्थान पर 20 फीसदी मूल्यानुसार कर शुरू किया है। इस कदम का उद्देश्य उत्खनन कंपनियों को राहत पहुंचाना था। प्रधान ने कहा, मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय इस पर सकारात्मक ढंग से विचार करेगा।

कच्चे तेल के 45 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर 4,500 रुपए प्रति टन की पुरानी दर और नई मूल्यानुसार दर के हिसाब से यह बराबर बैठता है और यदि कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं तो कंपनियों को ज्यादा कर देना पड़ सकता है। प्रधान ने कहा, मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय इस पर अनुकूल तरीके से विचार-विमर्श करेगा। तेल उद्योग (विकास) अधिनियम 1974 के तहत घरेलू कच्चे तेल पर उत्पाद शुल्क के तौर पर उपकर संग्रह किया जाता है।

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