नई दिल्ली। खोज एवं उत्पादन क्षेत्र के नियामक DGH ने ONGC द्वारा देश के सबसे गहरे क्षेत्र में खोजी गई गैस के वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक होने की समीक्षा से इनकार किया है। उसने प्रौद्योगिकी चुनौतियों का हवाला देते हुए ONGC की इस खोज के वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक होने को लेकर समीक्षा से इनकार किया है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की बंगाल की खाड़ी स्थित गहरे समुद्री क्षेत्र स्थित KG-DWN-98:2 KG-D5 में UD-1 के विकास में 2022-23 तक 21,528.10 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है। इस खोज से KG ब्लॉक से उत्पादन दोगुना करने में मदद मिलेगी।
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मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार कंपनी ने इस साल की शुरूआत में मंजूरी के लिये हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) को UD-1 को वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक होने की घोषणा को मंजूरी को लेकर प्रस्ताव दिया था। हालांकि, DGH ने इसकी समीक्षा इस आधार पर करने से इनकार कर दिया कि पानी के अंदर इतनी गहराई से गैस उत्पादन को लेकर प्रौद्योगिकी उपलब्ध नहीं है।
ONGC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि,
खोज की समीक्षा के बजाए प्रौद्योगिकी पर ध्यान देना नियामक को मिली जिम्मेदारी से इतर है।
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उन्होंने कहा कि हम परिचालक हैं और इस खोज के विकास को लेकर प्रौद्योगिकी के मामले में पूरी तरह आश्वस्त हैं। उसने कहा कि कंपनी ने DGH की चिंताओं को लेकर अपना जवाब दे दिया है। कंपनी की पानी के अंदर 2,400 से 3,200 मीटर गहराई में स्थित नौ कुओं की खुदाई की योजना है और इससे 1.9 करोड़ घन मीटर गैस प्रतिदिन उत्पादन का अनुमान है। UD-1 में 75 अरब घन मीटर गैस भंडार होने का अनुमान है।
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