DGCA ने अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध 30 नवंबर तक बढ़ाया, जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं
डीजीसीए के सर्कुलर में कहा गया है कि इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो उड़ानों का परिचालन प्रभावित नहीं होगा।
नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कोरोना वायरस की वजह से लगाई गई अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगे प्रतिबंध को 30 नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि हालांकि, चुनिंदा मार्गों पर अलग-अलग मामलों के आधार पर सक्षम प्राधिकरण की अनुमति से अंतरराष्ट्रीय अनुसूचित उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से 23 मार्च, 2020 से अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई गई थी। प्रतिबंध लगने के दो महीने बाद 25 मई, 2020 को घरेलू हवाई सेवा फिर से शुरू हो गई थी।
मई, 2020 से वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन किया जा रहा है। इसके अलावा चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय ‘एयर बबल‘ व्यवस्था के तहत जुलाई, 2020 से उड़ानों का परिचालन हो रहा है। भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस सहित करीब 28 देशों के साथ एयर बबल करार किया है। एयर बबल करार के तहत दो देशों के बीच उनकी एयरलाइंस द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन किया जा सकता है। डीजीसीए के सर्कुलर में कहा गया है कि इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो उड़ानों का परिचालन प्रभावित नहीं होगा।
उड़ानों पर लगा प्रतिबंध जल्द हटाए जाने की संभावना नहीं
नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सप्ताह भर पहले ही यह संकेत दिया था कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगाए गए प्रतिबंधों को तुरंत हटाए जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा था कि ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत मौजूदा उड़ानों की संख्या मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। कोरोना वायरस महामारी के बीच पिछले साल मार्च से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन के लिए भारत की 25 से अधिक देशों के साथ ‘एयर बबल’ व्यवस्था है।
नागर विमानन सचिव राजीव बंसल ने बताया था कि ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उपलब्ध मौजूदा उड़ानों की संख्या मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और अंतरराष्ट्रीय मार्गों की ज्यादा मांग नहीं है क्योंकि वीजा व्यवस्था बहुत ही प्रतिबंधात्मक है। उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका और कनाडा जैसे कुछ देशों में, एयरलाइन कंपनियों के पास दिसंबर 2021 के मध्य के लिए औसत क्षमता उपयोग अनुपात 30 से 40 प्रतिशत हैं।
बंसल ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ‘हवाई बबल’ व्यवस्था का विस्तार किया जा सकता है। दो देशों के बीच एक ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत, कुछ शर्तों के अंतर्गत उनके संबंधित एयरलाइंस कंपनियां एक-दूसरे के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित कर सकती हैं।
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