नई दिल्ली। भारत के देवेंद्र झाझरिया ने रियो पैरालिंपिक की जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत लिया है। देवेंद्र ने जेवलिन थ्रो F-46 इवेंट में गोल्ड मेडल तो जीता ही साथ ही 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। देवेंद्र एथेंस में 2004 में हुए पैरालिंपिक में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। तब उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि इससे पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड था।
ये रियो पैरालिंपिक में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले मरियप्पन थंगावेलु ने पुरुषों के हाई जंप मुक़ाबले में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। अब रियो पैरालिंपिक में भारत के चार पदक पदक हो गए हैं, जिनमें दो स्वर्ण पदक हैं। भारत की दीपा मलिक ने गोला फेंक में रजत और वरुण भाटी ने हाई जंप में कांस्य पदक जीता है।
विश्व रिकॉर्ड
2002 में देवेंद्र ने कोरिया में आयोजित आठवीं एफईएसपीआईसी खेलों में गोल्ड मेडल जीता। 2004 में पहली बार एथेंस पैरालिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया। उस खेल में उन्होंने पुराने 59.77 मी के विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर 62.15 मी जेवलिन थ्रो करके नया कीर्तिमान बनाया।
इसके साथ ही मुरलीकांत पेटकर के बाद पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। मुरलीकांत ने 1972 में जर्मनी के हीडलबर्ग पैरालिंपिक में 50 मी फ्रीस्टाइल तैराकी में गोल्ड जीता था। इस उपलब्धि के लिए उसी साल देवेंद्र को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया।
उपलब्धियां
2012 में पदम श्री से सम्मानित होने वाले देश के पहले पैरालिंपिक खिलाड़ी बने। देवेंद्र ने 2013 में फ्रांस के लियोन में आयोजित आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. 2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स और 2015 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया. 2014 में फिक्की पैरा-स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर चुने गए।
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