नयी दिल्ली। दुनिया के बड़े बैंकों में से एक डॉयचे बैंक ने कहा है कि यदि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करती है तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर काफी विपरीत असर पड़ेगा। बैंक के अनुसार वेतन आयोग की सिफारिशें के क्रियान्वयन से आगे चलकर सरकार की राजकोषीय स्थिति और मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ेगा।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पा लेगी, लेकिन 2016-17 में उसका राजकोषीय घाटा कहीं ऊंचा यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत रह सकता है। वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारी और इतने ही पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
डॉयचे बैंक के शोध नोट में कहा गया है, सरकार के लिए संशोधित मध्यम अवधि की राजकोषीय मजबूती योजना के तहत वेतन बिल में जीडीपी के 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को अपनाना और साथ में वित्त वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 प्रतिशत पर लाना मुश्किल होगा। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार संभवत: 2016-17 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.8 प्रतिशत पर रखेगी। यह 2015-16 के 3.9 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है।
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