सरकार से भारी पूंजी मिलने के बाद भी सरकारी बैंकों की स्थिति सुधरने में लगेंगे दो साल, मूडीज ने लगाया अनुमान
सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में पूंजी डालने के बाद भी इन बैंकों की स्थिति सुधरने में कम से कम दो साल लगेंगे। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यह अनुमान लगाया है। मूडीज का कहना है कि इससे बैंकों में मूल पूंजी की स्थिति तो सुधरेगी, लेकिन उनकी स्थिति में पूरी तरह सुधार अभी दूर है क्योंकि विरासत में उन्हें डूबे कर्ज की समस्या मिली है।
सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की है। इससे बैंकों को नियामकीय पूंजी की जरूरत को पूरा करने और वृद्धि योजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी। दिसंबर, 2018 में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की योजना को 41,000 करोड़ रुपए बढ़ाकर 1.06 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। पहले बैंकों में 65,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने का लक्ष्य था।
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पूंजी समर्थन मूल योजना से बढ़ाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि बैंकों की पूंजी की कमी शुरुआती अनुमान से अधिक रही है।
पूंजी डालने की योजना से बैंक शेयर 19 प्रतिशत तक उछले
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों में गुरुवार को 19 प्रतिशत तक की तेजी आई। सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में चालू वित्त वर्ष के दौरान 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा से बैंकों के शेयर मजबूत हुए।
कॉररपोरेशन बैंक 19.02 प्रतिशत, यूको बैंक 8.75 प्रतिशत, यूनाइटेड बैंक 7.19 प्रतिशत, इंडियन ओवरसीज बैंक 6.78 प्रतिशत, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 5.50 प्रतिशत, इलाहबाद बैंक 5.34 प्रतिशत, आंध्रा बैंक 5.22 प्रतिशत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 3.96 प्रतिशत, सिंडिकेट बैंक 3.59 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 2.95 प्रतिशत, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 2.80 प्रतिशत तथा बैंक ऑफ इंडिया 1.83 प्रतिशत मजबूत हो गए।
कुल मिलाकर विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही। औषधि, धातु, वाहन तथा बैंक शेयरों की अगुवाई में बीएसई सेंसेक्स 142.09 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 35,898.35 अंक पर बंद हुआ।